साैम्या महिला आईपीएस ने बताया, गुंडे-बदमाशाें से निपटने के लिए कहां से मिलती है उन्हें शक्ति
बोलीं- कविताएं आैर साहित्य सदियाें डालती आई हैं मनुष्य में जान
देवबंद:
हिमाचल प्रदेश के सिरमाैर जिले से सैकड़ाें किलाेमीटर चलकर सहारनपुर के देवबंद में आयाेजित लेडिज मुशायरे में शामिल हाेने पहुंची सिरमाैर की एसपी साैम्या सांबशिवन का कहना है कि पुलिस के काम में दिमाग के साथ-साथ दिल की मजबूती भी बेहद जरूरी है। साैम्या कहती हैं कि जिस तरह से पुलिस का काम है आैर राेजाना गुंडे बदमाशाें से निपटने पड़ता हैं एेसे में मजबूती दिमाग आैर दिल दाेनाें काे चाहिएं आैर यह शक्ति साहित्य से मिल सकती है।
साैम्या सांबशिवन यहां देवबंद पहुंची थीं। इसी दाैरान पत्रिका के स्टाफ रिपाेर्टर ने उनसे पूछा कि वह इतनी दूर से चलकर मुशायरे में शामिल हाेने आई हैं ताे इसके पीछे खास वजह क्या है। इस सवाल के जवाब में साैम्या ने कहा कि सदियाें से कविताएं मनुष्य काे प्रेरित करती आई हैं। उनका साहित्य से बेहद प्रेम हैं, कविताएं ही मनुष्य के अंदर छिपी आतंरिक संभावानाआें काे सामने लाने का सबसे बढि़या जरिया भी हैं। साहित्य, आदमी काे सरल बनाने के साथ-साथ मजबूती प्रदान करता है आैर बुराईयाें काे समझने के साथ-साथ उनसे दूर रहने आैर निपटने की शक्ति भी देता है। उन्हाेंने कहा कि कविताआें ने हमेशा मनुष्य के अंदर जान डालने का काम किया है।
आईपीएस साैम्या सांबशिवन से जब लेडिज मुशायरे के बारे में पूछा गया ताे उन्हाेंने कहा कि शिक्षा की नगरी देवबंद में महिलाआें के लिए कराया गया यह मुशायरा उन लाेगाें काे आईना दिखाता है जाे समाज में सही काम करने वालाें के आड़े आते हैं। कार्यपालिका के कार्याें के क्रियानवयन में राेड़ा अटकाते हैं एेसे लाेगाें काे आईना दिखाने के लिए शायराआें ने बेहद अच्छी रचानाआें काे मजबूती के साथ पढ़ा है। साैम्या ने यह भी कहा कि इस मुशायरे से उन्हाेंने कुछ शायरी नाेट की हैं जिन्हें वह अपने साथ ले जा रही हैं आैर एेसे लाेगाें काे सबक सिखाने आैर उन्हे आईना दिखाने के लिए इस शायरी काे काम में लाएंगी।
साैम्या मूलरूप से केरल प्रदेश की रहने वाली हैं आैर वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में तैनात हैं। आईपीएस साैम्या सांबशिवन हिमाचल प्रदेश के सिरमाैर जिले की एसपी हैं आैर यहां आने के बाद उन्हाेंने खनिज माफियाआें पर नकेल कसने का काम किया। साैम्या की गिनती देश के तेज तर्रार आईपीएस अफसराें में हाेती है आैर गुंडाें बदमाशाें से निपटने के अपने अंदाज के कारण ही उनकाे निडर आईपीएस भी कहा जाता है। 2010 बैच की आईपीएस साैम्या सांबशिवन ड्यूटी के अलावा सामाजिक कार्याें में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेती हैं आैर यही कारण है कि, वह जहां-जहां रही हैं उनके अलावा अब सिरमाैर के लाेगाें के बीच काफी लाेकप्रिय हैं।