भारी बरसात में बाढ़ की चपेट में आया सहारनपुर
सहारनपुर के बेहट में पहाड़ी क्षेत्र में हुई बारिश के बाद बुधवार को नदियों में बाढ़ आ गई, जिससे पूरा घाड़ इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया। दर्जनों गांवों चौतरफा पानी से घिरने के चलते टापू बन गए।
नौगांव का एक युवक तेज बहाव में बह गया। जैतपुर कलां गांव के पांच परिवारों के 30 लोग बाढ़ में फंस गए, जिन्हें पानी कम होने पर प्रशासन ने जेसीबी पर बैठाकर बाहर निकाला।
कई जगह बिजली की लाईनें गिर गई। शाकंभरी देवी में प्रसाद की दुकानें बह गई। मिर्जापुर-सुंदरपुर एवं बेहट-शाकंभरी देवी रोड पर बाढ़ के चलते यातायात बंद रहा।
स्थानीय पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा एडीएम (ई) दिन भर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में कैंप किए रहे। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया।
बुधवार की सुबह करीब पांच बजे पहाड़ियों व मैदानी क्षेत्र में बारिश शुरू हुई। इसके करीब एक घंटा बाद नदियों में बाढ़ आ गई। पूरा घाड़ इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया।
दो तरफा नदियों से घिरे हुसैन मकलपुर, शाहपुर, बाकरपुर, जैतपुर खुर्द एवं जैतपुर कलां गांव टापू बन गए। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से इन गांवों की आबादी में भी बाढ़ का पानी घुस गया। जैतपुर कलां गांव में म्हाड़ी के पास रह रहे पांच परिवारों के करीब तीस लोग बाढ़ के तेज बहाव पानी के बीच फंस गए।
सूचना मिलते ही एसडीएम वैभव शर्मा, सीओ इंदु सिद्धार्थ एवं कोतवाली प्रभारी वेदप्रकाश गिरि फोर्स के साथ बुबका-कोठड़ी मार्ग से मौके पर पहुंचे, लेकिन चौतरफा पानी होने के कारण बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में सफलता नहीं मिल सकी। दो बजे के बाद पानी कम होने पर सभी तीस लोगों को जेसीबी भेजकर उस पर बैठाकर बाहर निकाला गया।
चक अबाबाकरपुर नौगांवा निवासी शमशाद (32) शाकंभरी देवी नदी में बहकर आए लक्कड़ को पकड़ने के प्रयास में तेज बहाव पानी में बह गया। उसका कोई पता नहीं चल सका।
उधर किसानों की उपजाऊ भूमि में भी नदियों के तेज बहाव पानी ने जबरदस्त कटाव किया, जिससे किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीनें नदियों में समां गई। जंधेड़ी पठानपुर संपर्क सड़क मार्ग भी कटाव के चलते ध्वस्त हो गया।
बेहट-शाकंभरी एवं मिर्जापुर-सुंदरपुर रोड भी दिन भर बंद रहे। करीब 20 गांवों का दिन भर बाहरी क्षेत्रों से संपर्क कटा रहा। सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी में बाढ़ आने से अफरातफरी मच गई।
दुकानदार अपने सामान को समेट कर पहाड़ियों पर चढ़ गए। कुछ दुकानदारों की दुकानें बह गई। पानी माता शाकंभरी देवी के मंदिर के मुख्य द्वार की पैड़ी तक था। दोपहर दो बजे के बाद नदियों का जलस्तर कम होना शुरू हुआ।
उधर, पहाड़ियों पर लगातार हो रही भारी बारिश से यमुना जलस्तर लगातार बढ़ा। दोपहर 12 बजे से जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ था और शाम चार बजे तक बढ़ता रहा। हालांकि पांच बजे जलस्तर कम होना शुरू हुआ।
Source-amarujala